मुण्डेन ज्योतिष क्या है और कैसे काम करता है?
मुण्डेन ज्योतिष क्या है और कैसे काम करता है?
जब प्राकृतिक आपदा हो जैसे केदारनाथ त्रासदी या कोसी का बाढ़, मानव जनित विश्व युद्ध, पृथ्वी की भूगर्भीय हलचल से भूकंप, आतकंवादी गतिविधि में भीड़ में बम फूटना या धार्मिक स्थानों पर एकत्रित हुए श्रद्धलुओं का हादसे में शिकार होना, ऐसी स्थितियों के लिए ज्योतिष के लिए सामान्य जातक कुण्डली के नियम लागू नहीं होते।
इसके लिए ज्योतिष की एक पृथक शाखा है, उसका नाम मण्डेन ज्योतिष है, जो वृहद् स्तर पर होने वाली गतिविधियों के बारे में फलादेश करती है। इसमें ज्योतिष के सामान्य नियम लागू नहीं होते हैं। उस आपदा में ग्राम विशेष, शहर विशेष, क्षेत्र विशेष या अवस्था विशेष में शामिल सभी जातकों पर प्रभाव पड़ता है।
लेकिन यह प्रभाव भी एक जैसा नहीं होता। केदारनाथ घाटी में हजारों लोग एक साथ मारे गए, लेकिन उसी क्षेत्र में बचने वाले लोगों की संख्या भी अच्छी खासी रही, घायल होकर ईलाज लेकर पुन: स्वस्थ होेने वाले भी थे।
एक ही परिवार में बचने वाले और मरने वाले दोनों थे। इसी प्रकार किसी आतंकवादी बम विस्फोट में विस्फोट के सामने और पीछे खड़े लोगों के साथ भी यही होता है कि एक ही स्थान पर घटना होती है, कोई अधिक प्रभावित होता है तो कोई अपेक्षाकृत कम।
मण्डेन ज्योतिष पर जो सामूहिक मृत्यु के सवाल के जवाब के लिए सटीक है!
मण्डेन ज्योतिष के बारे में बहुत कम लिखा गया है। वास्तव में यह विषय शुरू से ही अछूता रहा है। इसके दो कारण हैं। पहला यह कि अधिकांश ज्योतिषी जातक की कुण्डली देखने में अधिक सहज महसूस करते हैं। कारण स्पष्ट है कि पैसा तो वही देगा। ऐसे में समष्टि की बजाय व्यक्तिगत काम अधिक हो रहा है। दूसरा कारण है कि बड़े पैमाने पर सोचने और उस पर फलादेश देना अपेक्षाकृत कठिन भी है। इसके लिए कहीं दिशा-निर्देश नहीं मिलते। ऐसे में मण्डेन ज्योतिष का उपेक्षित होना स्वाभाविक है।
मण्डेन ज्योतिष के मुताबिक भाव कारक
मण्डेन ज्योतिष की वह शाखा है जो देशों, राज्यों और शहरों का भाग्य बताती है। एक सामान्य कुण्डली की तरह किसी स्थान विशेष की कुण्डली बनाई जाती है। किसी राष्ट्र के सम्बन्ध में बात करते समय कारकों का वर्गीकरण निम्नानुसार होगा।
प्रथम भाव – यह आम आदमी से सम्बन्धित होगा। जनता का स्वास्थ्य, राष्ट्र की सामान्य परिस्थितियां और सामान्य तौर पर देश की गृह विभाग की स्थिति।
द्वितीय भाव – राष्ट्रीय एक्सचेंजर, रेवेन्यू, स्टॉक मार्केट, बैंकें, व्यावसायिक मामले और ट्रेडिंग इस भाव से देखी जाएगी।
तृतीय भाव – रेलवे और इससे सम्बन्धित अन्य मुद्दे, ट्रेफिक, स्टॉक एवं शेयर, टेलिग्राफ, टेलिफोन एवं पोस्टल मुद्दे, यातायात के साधन, मोटरें, बसें, किताबें, समाचारपत्र और साहित्यिक गतिविधियां इस भाव से देखी जाएंगी।
चतुर्थ भाव – मौसम, कृषि, फसलें और जमीन सम्बन्धी मुद्दे, खानें, सार्वजनिक इमारतें। इसके अलावा देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी इस भाव से देखेंगे।
पंचम भाव – थियेटर, म्युजिक हॉल और मनोरंजन के स्थान, बच्चे, शिक्षा, जन्मदर, स्कूलें, नैतिक मूल्य और सट्टा प्रवृत्ति इस भाव से देखी जाएगी।
छठा भाव – बीमारी, जनता का स्वास्थ्य, थल और जल सेना, आराधना के तरीके और सामान्य तौर पर कामकाजी जनता को इससे देखा जाएगा।
सातवां भाव – विदेशी मामले और अन्य ताकतों के साथ सम्बन्ध, युद्ध व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विवाद, शादियां, तलाक और विदेशी व्यापार इससे देखा जाएगा।
आठवां भाव – मृत्युदर, आत्महत्याएं और गुप्त समूहों को इससे देखा जाएगा।
नौंवा भाव – अदालतें, जज, पंडित, इमाम, पादरी और हुजूरी के अलावा कॉलोनियल ट्रेड अफेयर, व्यावसायिक ताकतें, विज्ञान, शिपिंग और इससे जुड़े अन्य मामले इस भाव से देखे जाएंगे।
दसवां भाव – राजा, शाहीपन, सरकारें, सत्ताधारी ताकतें, एरिस्टोक्रेसी, नोबेलिटी व समाज इस भाव से देखे जाएंगे।
ग्यारहवां भाव – संसद, राज्यसभा, लेजिस्लेशन इस भाव से देखेंगे।
बारहवां भाव – कैदी, वर्कशॉप या गोदियां, अस्पताल, दानदाता ट्रस्ट, अपराध, हत्याएं, अपराधी, जासूस और गुप्त शत्रु इस भाव से देखने होंगे।
उम्मीद करता हूँ कि आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा।
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