राम मंदिर का इतिहास (History of Ram temple) तोड़ने से बनाने तक का सफर

 हैलो दोस्तो जैसा की आप सब ये जानते है कि अयोध्या नगरी भगवान श्री राम की जन्‍म भूमि है जहां पर भगवान विष्णु त्रेता युग (अब से लगभग 880100 साल पहले) में अपने 7 वे अवतार यानी रामावतार में रावण का वध और धरती से पाप मिटाने के लिए जन्मे थे और कई वर्षो तक राज किए थे इनकी पत्नी का नाम देवी सीता था और इनके दो पुत्र (लव और कुश) थे 

           राम मंदिर निर्माण 

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राम मंदिर 

कुश

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भगवान कुश

कहा जाता है कि भगवान श्री राम के जल समाधि लेने के बाद से अयोध्या नगरी धीरे -धीरे उजड़ती जा रही थी लेकिन जहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था वहा पर बना महल वैसा ही था यह सब देखकर भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने उस महल में भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित की और अयोध्या नगरी का पुनर्निर्माण किया इसके बाद सूर्यवंश की 44 पीढ़ियों ने यहां पर राज किया |

सूर्यवंश के आखिरी राजा महाराज बृहद्धल तक उस जन्‍म भूमि की देखभाल होती रही |

इनकी मृत्यु (बृहद्धल) महाभारत में युद्ध के दौरान अभिमन्यु के हाथों हुई थी लेकिन इसके बाद भी राम जन्‍म भूमि को लेकर लोगों में मान्यता बनी रही और यहां पर पूजा पाठ होता रहा इसके बाद कालांतर में मंदिर तो बनी रही लेकिन अयोध्या नगरी धीरे धीरे उजड़ती गई

विक्रमादित्य

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विक्रमादित्य

इतिहास के अनुसार सम्राट विक्रमादित्य ईसा से लगभग 100 साल पहले उज्जैन से टहलते – टहलते अयोध्या पहुच गए थे जब ये सरयू नदी के किनारे एक वृक्ष के नीचे अराम कर रहे थे तब इन्हे कुछ चमत्कार दिखाई दिया इसके बाद उन्होंने खोजबीन की और पुनः भव्य राम मंदिर का निर्माण किया |

विक्रमादित्य के बाद कई राजाओं ने मंदिर की देखभाल की और पूजा पाठ जारी रहा |

पुष्यमित्र

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पुष्यमित्र

शुंग वंश के प्रथम राजा पुष्यमित्र को अयोध्या से एक शिलालेख मिला जिससे उन्हें पता चला कि अयोध्या गुप्तवंशीय चन्द्रगुप्त दृतीय की राजधानी रही है इसके बाद इन्होने राम जन्‍म भूमि पर बने राम मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था इनके बाद कई राजा आए और राम मंदिर की देखभाल करते रहे |

मंदिर तोड़ बनाई गई मस्जिद 

पानी पथ के युद्ध के दौरान राजा जयचन्द्र की मृत्यु हो गई और इसके बाद बाहर से कई आक्रमणकारी आए और उन्होने अयोध्या समेत मथुरा और काशी पर आक्रमण कर दिया मंदिर तोड़े पुजारीओं की हत्या की लेकिन 14 वीं शताब्दी तक राम मंदिर को नहीं तोड़ पाए बताया जाता है कि सिकंदर लोदी के शासन काल के दौरान मंदिर था  |

14वीं  शताब्दी के बाद मुगलों का अधिकार हो गया और 1527-28 के दौरान भव्य मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाया गया 

              कब क्या हुआ 

1853=  1528 के बाद पहली बार साम्प्रदायिक दंगे हुए 

1859= दीवादित स्थल पर बाड़ लगा दिया गया अंदर मे मुस्लिम और बाहर हिंदूओं को प्राथना करने की अनुमती दे दी गई |

1949= भगवान राम की प्रतिमा मस्जिद में पाई गईं फिर यह मामला कोर्ट में चला गया और कोर्ट ने इस स्थल को विवादित घोसित कर ताला लगा दिया |

1984= विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व मैं राम जन्‍म भूमि हो मुक्त कराने के लिए एक समिति का गठन किया गया बाद में जिसका नेतृत्व BJP(भारतीय जनता पार्टी के एक नेता लालकृष्ण आडवाणी ने किया 

1986= हिन्दुओं के प्राथना करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट ने विवादित मस्जिद का ताला खोलने का आदेश दे दिया जिसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्षं समिति का गठन किया गया. 

1989= राम मंदिर निर्माण का अभियान तेज किया गया और विवादित स्थल के नजदीक राम मंदिर की नींव रखी. 

1990= विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाबारी मस्जिद को नुकसान पहुंचा. तत्कालीन प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर ने वार्ता के जरिए इस विवाद को खतम करना चाहा मगर अगले वर्ष वार्ताएं विफल हो गई. 

1992= विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मिलकर बाबारी मस्जिद को इकदम से ध्वस्त कर दिया। जिसके कारण देश भर में हिंदू और मुसलमानों के बीच कई दंगे हुए जिसमें लगभग 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 

2001= बाबारी मस्जिद के बिध्वंस की बरसी पर तनाव बढ़ गया और विश्व हिंदू परिषद ने वहाँ पर राम मंदिर बनाने का संकल्प दोहराया 

2002= फरवरी में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के विधानसभा के चुनाव के लिए घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण को लेने से मना कर दिया। 

15 मार्च को विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी सैकड़ो हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इक्कठा हो गए. अयोध्या से लौटे कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में सवार थे उसपर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए 

इसी बीच विश्व हिंदू परिषद और केंद्र सरकार के बीच समझौता हुआ था कि राम मंदिर के परिषर के बाहर वो शीलाएं शौपेगी. 

22 जून 2002 में राम मंदिर निर्माण के लिए विवादित स्थल के हस्तांतरण की मांग उठाई गई 

2003=  जनवरी में रेडियो तरंग के जरिए पता लगाने की कोशिश की गई  की विवादित जमीन के नीचे किसी प्राचीन इमारत के अवशेष दबे है. लेकिन कुछ पक्का नहीं हो पाया। 

मार्च में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पूजा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया किसे ठुकरा दिया गया 

अप्रैल में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर पुनः वहा खुदाई हुई जिसमें मंदिर से मिलते जुलते कुछ अवशेष मिले। 

2004= अप्रैल में अडवाड़ी ने अयोध्या मे अस्थाई राम मंदिर की पूजा की और कहा कि मंदिर का निर्माण जरूर किया जाऐगा। 

2005= जुलाई में 5 लोग हथियारों के साथ विवादित स्थल पर हमला कर दिए जिसमे इन 5 लोगों के साथ 6 और लोग भी मारे गए, हमलावर सुरक्षा घेरे के नजदीक ही मार दिए गए थे। 

2006= जुलाई में सरकार ने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलट प्रूफ  काँच का घेरा बनाने का प्रस्ताव किया  जिसका मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया। 

2010= 16 जुलाई को राम जन्‍म भूमि और बाबारी मस्जिद विवाद पर सुनवाई पूरी हुई 

उसके बाद से अब तक केश चलता रहा PM(प्रधान मंत्री) बनने से पहले मोदी जी ने कसम खाई थी की अब वो तभी अयोध्या जाऐंगे जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाऐगा। 

अंततः 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के द्वारा राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया गया। 

और अब 22जनवरी 2024 को भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मौजूदगी में 7000+ वीवीआईपी के साथ श्री राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा

जितना मुझे पता था या जितना मै पता कर पाया था इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आप तक पहुचा दिया अगर आपको इसके बारे में कुछ और भी जानकारी है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में बताएं


तो दोस्तो कैसी लगी आपको हमारी पोस्ट हमे कॉमेंट करके जरूर बताए 


                                       धन्यवाद 

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