हाथी और चीटी ( hathi aur chinti ki kahani Hindi moral story )

Hindi Mortal stories

हाथी और चीटी की कहानी story of elephant and ant in hindi 

किसी जंगल में एक रानी चींटी रहती थी वह सुबह भोजन की तलाश में निकल जाती थी अन्य चीटियां भी उसके पीछे पीछे चल देती थी । 

हाथी और चीटी ( hathi aur chinti ki kahani Hindi moral story )

उसी जंगल में एक हाथी रहता था वह बहुत शराब की था वह दिन भर इधर-उधर घूमता रहता पेड़ पौधों को तोड़ता कभी-कभी अपनी शरण में पानी भर कर लाता और जानवरों पर डाल देता ।

हाथी और चीटी ( hathi aur chinti ki kahani Hindi moral story )

जंगल के जानवर उससे बहुत परेशान थे । चीटियों का तो वह सबसे बड़ा दुश्मन था जहां भी चीटियों को देखता कुचल देता रानी चींटी यह देख कर बहुत दुखी होती थी ।

एक दिन रानी चींटी हाथी से बोलिए तुम दूसरों को बहुत तंग करते हो यह अच्छी बात नहीं हाथी ने घमंड से कहा चुप रहो जाओ मेरी जो इच्छा होगी मैं वही करूंगा ।

तुम छोटी और कमजोर हो ज्यादा बोलोगे तो तुम्हें भी कुचल दूंगा चींटी को क्रोध आ गया  पर वह चुप हो गई उसने हाथी को सबक सिखाने को सूझी वह घास में जाकर पत्तियों के नीचे छिप गई ।

हाथी घूमते घूमते वहां आया तो चींटी चुपके से उसकी सूंड में घुस गई और उसे काटने लगी चींटी ने हाथी की सूंड में जगह-जगह काट लिया हाथी दर्द से चिल्लाने लगा ।

उसने सूंड को जोर-जोर से हिलाया पर चींटी बाहर नहीं निकली वह सूंड में चिपक कर बैठ गई हाथी बहुत परेशान हो रहा था  हाथी रोने लगा वह बोला मुझे माफ कर दो अब मैं किसी को परेशान नहीं करूंगा ।

हाथी और चीटी ( hathi aur chinti ki kahani Hindi moral story )

चींटी दयालु थी वह सूंड से बाहर आ गई और हाथी से बोली किसी को छोटा और कमजोर नहीं समझना चाहिए हाथी को अपनी गलती का अनुभव हो गया था उसने चींटी से माफी मांगी फिर हाथी ने कभी भी किसी को नहीं सताया ।

इस कहानी से हमने क्या सीखा ?

हमने सीखा : हमें कभी भी अपने बड़े होने का घमंड नहीं करना चहिए ।

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