अवसादी चट्टान : पृथ्वी तल पर आग्नेय व रूपान्तरित चट्टानों के अपरदन व निक्षेपण के फलस्वरूप निर्मित चट्टानों को ‘अवसादी चट्टान’ कहते हैं।
इन पुनर्निर्मित चट्टानों में परतों का विकास होने के कारण इन्हें ‘प्रस्तरित या परतदार चट्टान’ भी कहा जाता है ।
इनके निर्माण में जैविक अवशेषों का भी योगदान होता है। सम्पूर्ण क्रस्ट के लगभग 75% भाग पर अवसादी चट्टान विस्तृत है, परन्तु क्रस्ट के निर्माण में इसका योगदान मात्र 5% है।